Monday, May 18, 2009

एक कहानी

एक दिन एक किसान का गधा एक कुएँ में गिर गया! बेचारा बहुत देर तक चिल्लाता रहा और किसान इस कशमकश में फंसा रहा की गधे को कुएँ में से कैसे निकला जाये.आखिरकार किसान इस निष्कर्ष पर पहुंचा की उसका गधा वैसे ही काफी बूडा हो गया है और उतना कम का नहीं रहा और अपने सूखे कुएँ को पाटने का ख्याल भी उसे काफी दिनों से आ रहा था. गधे को कुएँ से निकलना उसे दुष्कर ही नहीं फजूल ही लगा.

अपनी मदद के लिए उसने अपने पड़ोसियों को आमंत्रित किया और सिथति को समझाने के बाद उसने सब को एक एक फावड़ा पकड़ाया और सब मिलकर सूखे कुएँ को मिटटी से पाटने लगे . अपने ऊपर मिटटी गिरती देख पहले तो गधा अचंभित हुवा और सिथति समझ कर जोर जोर से चिल्लाने लगा! फिर एकदम सब को विस्मित करता हुवा गधा ज़मीन पर बैठ गया! इस बीच काफी मिटटी कुएँ में दल चुकी थी और किसान ने नीचे झांक कर देखा और जो उसने देखा , वह आश्चर्यचकित होकर रह गया ! हर बार जब कोई कुदाल भर मिटटी निचे झोंक रहा था , गधा मिटटी हो अपने शरीर से झटक कर ऊपर आने के लिए कदम बड़ा रहा था.इस तारा किसान और उसके पडोसी जैसे जैसे नीचे मिटटी फेंक रहे थे , वैसे वैसे गधा एक एक कदम ऊपर की और बड़ा रहा था.शीघ्र ही सब को अचंभित करता हुवा गधा सूखे कुएँ की मुंडेर लांग कर भाग गया !!!

सारांश :-

जीवन रुपी मार्ग पर हर तरह के लोग मिलेंगे और अधिकतर लोग मिटटी ही फेंकेंगे , हर तरह की बाधाएं, झूठ,निराशा, चतुरता इस में है की की हम इस मिटटी रुपी भादाओ को कैसे झटक कर असफलता के कुएँ से बहार आये. जीवन की भादाओ को सीडी बना कर सफलता को घाले लगाये!! हम गहेरे से गहेरे कुएँ से सिर्फ तब बहार आ सकते है जब हमारी इच्छा सती सुद्रढ़ हो और कभी हार न माने, असफलताओ को झटक कर कदम आगे बढाये!!

जीवन में सदेव प्रसन्न रहने के पांच साधारण नियम याद रखे :-

1. अपने ह्रदय को सदेव नफरत से मुक्त रखे, याद रहे , क्षमा दान सबसे बड़ा दान है !

2. अपने मन में चिन्ताओ को कभी पनपने न दे , चिंता चिता सामान !

3. साधारण जीवन जियो और जो तुम्हारे पास है उसी में संतुष्ट रहो !

4. इस बात का संताप न करो की मुझे क्या मिला है, इस बात का चिंतन करो की मैंने क्या अर्पण किया है!

5. दूसरों से कम अपेक्षा करें पर अपने इश्वर से अधिक!